Ro-Ro ferry Mumbai to Konkan 2025: मुंबई से कोंकण की दूरी अब और आसान हो जाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि 1 सितंबर से रो-रो (Roll-on/Roll-off) फेरी सेवा शुरू हो रही है। इस सेवा की मदद से मुंबई से रत्नागिरी के जैगड़ बंदरगाह तक का सफर सिर्फ 3 से 4 घंटे में और सिंधुदुर्ग के विजयदुर्ग तक केवल 5 से 6 घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
अभी कितना समय लगता है?
आज की तारीख में मुंबई से रत्नागिरी जाने में सड़क से करीब 8 घंटे और ट्रेन से लगभग 6 घंटे लगते हैं। लेकिन Ro-Ro ferry सेवा के शुरू होने के बाद यही यात्रा आधे समय में पूरी हो जाएगी। यानी यात्रियों को अब लंबी और थकाऊ सड़क यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
सेवा की शुरुआत क्यों टली थी?
दरअसल, यह सेवा पहले गणेश चतुर्थी से पहले शुरू करने की योजना थी। लेकिन उस समय समुद्र में मौसम खराब था और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने इसे टाल दिया।
अब मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि समुद्र यात्रा के लिए हालात अनुकूल हो चुके हैं। इसलिए सरकार ने तय किया है कि 1 सितंबर से नियमित सेवा शुरू की जाएगी।
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यह सेवा कैसे चलेगी?
- रो-रो फेरी मुंबई के भाऊचा धक्का से सुबह 6:30 बजे रवाना होगी।
- जैगड़ और विजयदुर्ग पहुंचने के बाद जहाज़ लगभग 2 घंटे के भीतर वापसी यात्रा शुरू करेगा।
- अगले पांच दिनों में इसका ट्रायल रन होगा और फिर नियमित व्यावसायिक सेवा चालू हो जाएगी।
कितनी तैयारियां हुईं?
बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने बताया कि इस सेवा के लिए 147 परमिशन ली गई हैं।
इसमें केंद्र सरकार के शिपिंग मंत्रालय, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ शिपिंग, महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट की मंजूरी शामिल है।
राणे ने कहा कि अब जहाज़ पूरी तरह तैयार है और यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी इंतज़ाम पूरे किए जा चुके हैं।
रो-रो फेरी की खासियत
इस सेवा के लिए M2M प्रिंसेस नाम का आधुनिक जहाज़ लगाया गया है।
- यह दक्षिण एशिया का सबसे तेज़ यात्री और वाहन फेरी जहाज़ माना जाता है।
- यात्री अपने दोपहिया, चारपहिया और बस तक इस फेरी पर चढ़ा सकते हैं।
- इससे कोंकण पहुँचने के बाद यात्री अपने वाहन से ही आगे की यात्रा जारी रख पाएंगे।

पहले चरण में किन जगहों तक?
शुरुआती चरण में यह सेवा सिर्फ जैगड़ (रत्नागिरी) और विजयदुर्ग (सिंधुदुर्ग) तक सीमित रहेगी।
लेकिन भविष्य में सरकार की योजना है कि इसे श्रीवर्धन, मांडवा और कोंकण के अन्य बंदरगाहों से भी जोड़ा जाए।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
- समय की बड़ी बचत होगी।
- लंबी सड़क यात्रा और ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा।
- यात्रा अधिक सुरक्षित और आरामदायक होगी।
- त्योहारों के दौरान यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
- सड़क पर गाड़ियों की भीड़ कम होगी और प्रदूषण भी घटेगा।
क्यों खास है कोंकण?
कोंकण अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समुद्र तटों और ऐतिहासिक किलों के लिए मशहूर है।
हर साल लाखों लोग मुंबई और पुणे से गणेश चतुर्थी और छुट्टियों के दौरान कोंकण जाते हैं।
लेकिन सड़क और रेल मार्ग पर भीड़ और लंबा सफर लोगों के लिए परेशानी बन जाता है।
अब1 सितंबर से सफर होगा आधा आसान शुरू होने से यह सफर न सिर्फ तेज़ बल्कि आनंददायक भी होगा।
सरकार की योजना
सरकार का मानना है कि इस सेवा से पर्यटन, स्थानीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियों में बड़ा इज़ाफा होगा।
सड़क पर वाहनों का दबाव घटेगा, जिससे हाईवे पर ट्रैफिक और दुर्घटनाओं में कमी आएगी।
यात्रियों को सुरक्षित, तेज़ और आरामदायक विकल्प मिलेगा और कोंकण का विकास और तेज़ होगा।
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निष्कर्ष: Ro-Ro ferry Mumbai to Konkan 2025
मुंबई से कोंकण जाने वाले यात्रियों के लिए यह सेवा किसी वरदान से कम नहीं है।
अब लोग सिर्फ कुछ घंटों में समुद्र की ठंडी हवाओं का आनंद लेते हुए अपने गाँव और पर्यटन स्थलों तक पहुँच सकेंगे।
सरकार का मानना है कि आने वाले समय में यह सेवा कोंकण की तस्वीर बदल देगी और हर यात्री के लिए सुविधाजनक विकल्प साबित होगी।
Ro-Ro ferry Mumbai to Konkan क्या है?
Ro-Ro ferry एक ऐसी सेवा है जिसमें आप अपनी कार या बाइक के साथ फेरी पर सवार हो सकते हैं और मुंबई से सीधे कोकण तक समुद्री मार्ग से यात्रा कर सकते हैं।
Ro-Ro ferry में गाड़ी ले जाने की सुविधा है क्या?
हाँ, इस फेरी की सबसे खास बात यही है कि इसमें आप अपनी कार, बाइक या स्कूटर को भी साथ ले जा सकते हैं।
Ro-Ro ferry Mumbai to Konkan का किराया कितना है?
किराया गाड़ी के प्रकार और पैसेंजर के हिसाब से अलग-अलग होता है। पैसेंजर टिकट आमतौर पर ₹250 से ₹400 तक होता है, जबकि कार के साथ टिकट ₹1000 से ₹2000 तक हो सकता है।