Taitanic ship

Taitanic ship: टाइटेनिक जहाज के बारे में कुछ ऐसी बातें जो आपको शायद ही पता होगी 

Taitanic ship: दोस्तों आपने कई बार टाइटेनिक जहाज की कहानियां अपने घर के बड़े लोगों के पास से सुनी होगी दोस्तों टाइटेनिक जहाजएक ऐसा जहाज था जिसमें शानदार फैसेलिटीज और कई सारी आधुनिक सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था इस टाइटैनिक जहाज को White Star Line नाम की कंपनी ने बनाया था. पहले ही यात्रा में इस टाइटेनिक जहाज की दुर्घटना होती है और इसमें 1500 से ज्यादा लोगों कीमौत होती है

क्या था टाइटैनिक जहाज?

साल था 1912 इंग्लैंड के साउथैम्प्टन शहर से न्यूयॉर्क (अमेरिका) जाने के लिए एक बहुत ही बड़ा और आलीशान जहाज रवाना हुआ – नाम था Taitanic। इसे दुनिया का सबसे शानदार और सुरक्षित जहाज कहा जा रहा था। लोगों को लगता था कि ये कभी डूब नहीं सकता। लेकिन पहली ही यात्रा में यह समुद्र में बर्फीले टुकड़े (आइसबर्ग) से टकरा गया और करीब 1,500 लोग मारे गए। यह हादसा इतिहास का सबसे बड़ा समुद्री हादसा बन गया।

कैसे बना था Taitanic ship?

1900 के दशक में समुद्र के रास्ते लोग एक देश से दूसरे देश जाते थे। बड़े-बड़े जहाज कंपनियां इस काम में लगी थीं। White Star Line नाम की कंपनी ने Taitanic ship को बनाने की जिम्मेदारी ली। यह जहाज 31 मार्च 1909 को बनना शुरू हुआ।

  • इस जहाज में बहुत ही शानदार सुविधाएं थीं – जैसे स्विमिंग पूल, लिफ्ट, बड़ा डाइनिंग हॉल और आरामदायक कमरे।
  • जहाज को इतना मजबूत और सुरक्षित बनाया गया था कि उसे ‘अडूबने वाला’ (Unsinkable) कहा गया।

कैसे हुआ हादसा?

Taitanic ship

जब Taitanic ship समुद्र में सफर कर रहा था, उस समय कई जहाजों ने बर्फीले इलाकों की चेतावनी दी थी। लेकिन टाइटैनिक के कप्तान और रेडियो ऑपरेटर ने इन पर ध्यान नहीं दिया। 14 अप्रैल की रात करीब 11:40 बजे, जहाज ने एक बर्फीले टुकड़े से टक्कर खा ली। बर्फ ने जहाज के नीचे के हिस्से को फाड़ दिया और पानी अंदर भरने लगा।

  • Taitanic ship के नीचे ऐसे खास खंड (compartments) बनाए गए थे, जिन्हें जरूरत पड़ने पर बंद किया जा सकता था, ताकि पानी अंदर न जा सके। लेकिन ये खंड ऊपर तक बंद नहीं थे। जब जहाज बर्फ से टकराया, तो पानी पहले एक हिस्से में घुसा, फिर धीरे-धीरे ऊपर से दूसरे हिस्सों में भी चला गया। यही वजह बनी कि जहाज डूबता चला गया और उसे बचाया नहीं जा सका।
  • एक्सपर्ट्स कहते हैं, अगर जहाज बर्फ से सीधे टकराता, तो शायद इतना नुकसान नहीं होता।

बचाव का प्रयास और अंत

जब हादसा हुआ तो Taitanic ship से एसओएस (बचाओ संदेश) भेजा गया। यह संदेश कारपैथिया’ नाम के एक जहाज को मिला, जो उस समय 100 किलोमीटर दूर था। वह टाइटैनिक की ओर तेजी से बढ़ा लेकिन जब तक वह पहुंचा, टाइटैनिक डूब चुका था

  • टाइटैनिक 15 अप्रैल की सुबह करीब 2:20 बजे पूरी तरह समुद्र में समा गया।
  • कारपैथिया ने 700 से ज्यादा लोगों की जान बचाई, लेकिन बाकी डूब गए।
  • जो जहाज सबसे पास था – कैलिफॉर्नियन, उसने रेडियो बंद कर दिया था, इसलिए वह मदद नहीं कर सका।

इस हादसे की दुनिया भर में चर्चा क्यों हुई?

  • यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे महंगा जहाज था।
  • इस पर अमीर और गरीब दोनों वर्ग के लोग थे।
  • इस पर बनी फिल्में, गाने और कहानियां आज भी लोगों को भावुक कर देती हैं।

सीख क्या मिली?

टाइटैनिक हादसा यह सिखाता है कि चाहे तकनीक कितनी भी आगे बढ़ जाए, प्राकृतिक आपदाओं का सम्मान और चेतावनियों को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।इस दर्दनाक हादसे ने जहाजों की सुरक्षा नियमों को पूरी तरह बदल दिया। आज हर जहाज में जरूरी सुरक्षा उपकरण और पर्याप्त लाइफबोट्स होते हैं।ऑटोमोबाइल टेक और ट्रैवलिंग से जुड़ी इंफॉर्मेशन के लिए हमारे etvhindi.in इस पेज को फॉलो करें. 

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